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कार्यात्मक प्रशिक्षण (Functional Training) का मतलब ऐसी एक्सरसाइजों का अभ्यास है, जो रोजमर्रा की गतिविधियों से मेल खाती हैं। इसका मुख्य उद्देश्य शरीर की ताकत, सहनशक्ति और स्थिरता को बढ़ाना है ताकि सामान्य कामों को बेहतर तरीके से किया जा सके। उदाहरण के लिए, बैठने, खड़े होने, दौड़ने, और वजन उठाने जैसी गतिविधियों में सुधार लाना। फिजियोथेरेपी के हिस्से के रूप में, कार्यात्मक प्रशिक्षण शरीर को प्राकृतिक ढंग से स्वस्थ और मजबूत बनाता है।
फिजियोथेरेपी के तहत, कार्यात्मक प्रशिक्षण उन मांसपेशियों को मजबूत करने पर केंद्रित होता है जो हमें रोजमर्रा के कार्यों में मदद करती हैं। यह प्रशिक्षण चोटों से उबरने के दौरान शरीर के संतुलन, स्थिरता और गति को बहाल करने के लिए बेहद फायदेमंद साबित होता है। उदाहरण के लिए, कई मरीज़ जो हार्ट अटैक के बाद पुनर्वास के दौर से गुजरते हैं, उनके लिए यह वर्कआउट एक्सरसाइज अनिवार्य हो जाती है।
यह जानना बेहद जरूरी है कि एक्सरसाइज कैसे करते हैं ताकि शरीर पर अनावश्यक दबाव न पड़े और मांसपेशियों को सही दिशा में विकसित किया जा सके।
कार्यात्मक प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य आपके शरीर को उन कार्यों के लिए तैयार करना है जिन्हें आप रोज़ करते हैं। ये प्रशिक्षण न केवल चोटों से उबरने में मदद करते हैं, बल्कि भविष्य में किसी संभावित चोट से भी बचाते हैं। यह एक व्यक्ति को उसकी शारीरिक सीमाओं के बावजूद स्वतंत्र रूप से काम करने के लिए प्रेरित करता है। जैसे कि, अगर कोई व्यक्ति रोजमर्रा के कामों जैसे उठना-बैठना, चलना, दौड़ना, या वजन उठाना सही ढंग से नहीं कर पा रहा है, तो यह प्रशिक्षण उस समस्या को हल करने में मदद करता है।
वर्कआउट एक्सरसाइज के दौरान सही तकनीक और फॉर्म का पालन करना बेहद जरूरी है, खासकर जब आप फिजियोथेरेपी के हिस्से के रूप में इनका अभ्यास कर रहे हों। गलत ढंग से की गई एक्सरसाइज से आपके शरीर को नुकसान हो सकता है। इसलिए, यह जानना महत्वपूर्ण है कि सही एक्सरसाइज कैसे किया जाता है और फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन कैसे किया जाता है।
यह एक्सरसाइज निचले शरीर की मांसपेशियों को मजबूत करती है और आपके कूल्हों, पैरों, और पीठ को समर्थन प्रदान करती है। यह रोजमर्रा की गतिविधियों जैसे बैठना-उठना में मददगार साबित होती है।
लंजेस आपके पैरों और कूल्हों की ताकत को बढ़ाने में सहायक होते हैं। यह व्यायाम शरीर के निचले हिस्से में स्थिरता लाने का काम करती है।
यह मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए एक बेहतरीन वर्कआउट एक्सरसाइज है। इसका अभ्यास आपके पीठ और कूल्हों को शक्ति प्रदान करता है।
यह आपके कोर को मजबूत करता है और रीढ़ की हड्डी के लिए स्थिरता प्रदान करता है।
फिजियोथेरेपी के तहत, यह जानना बेहद आवश्यक है कि सही एक्सरसाइज कैसे करते हैं। अगर आप सही तरीके से व्यायाम करते हैं, तो आप न केवल अपनी शारीरिक क्षमताओं को बढ़ा सकते हैं, बल्कि चोट से भी बच सकते हैं। कार्यात्मक प्रशिक्षण के दौरान सही तकनीक और फॉर्म सीखने से मांसपेशियों का सही उपयोग सुनिश्चित किया जाता है।
कार्यात्मक प्रशिक्षण उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो किसी गंभीर चोट के बाद फिजियोथेरेपी से गुजर रहे होते हैं। यह उन्हें उनके सामान्य जीवन में वापस लाने में मदद करता है।
उम्र बढ़ने के साथ, शरीर की कार्यक्षमता घटने लगती है। कार्यात्मक प्रशिक्षण उन्हें अपनी दिनचर्या में स्वतंत्र रूप से भाग लेने में मदद करता है।
लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठने से मांसपेशियों की ताकत कम हो सकती है। कार्यात्मक प्रशिक्षण उनके लिए फायदेमंद होता है, जो अपनी मांसपेशियों की ताकत बढ़ाना चाहते हैं।
कार्यात्मक प्रशिक्षण और सही वर्कआउट एक्सरसाइज का अभ्यास फिजियोथेरेपी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सही ढंग से की गई एक्सरसाइजें न केवल आपकी रोजमर्रा की गतिविधियों में सुधार करती हैं, बल्कि आपके शारीरिक स्वास्थ्य में भी वृद्धि करती हैं। एक्सरसाइज कैसे किया जाता है, इस पर सही ज्ञान होना आपको फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ चोटों से भी सुरक्षित रखता है।