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गर्मी के मौसम में सूरज की किरणें जितनी ऊर्जा देती हैं, उतनी ही हानिकारक भी हो सकती हैं। खासकर जब हम दोपहर के समय या लंबे समय तक सूरज के संपर्क में रहते हैं, तो हमारी त्वचा और शरीर पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं। SN Hospitals के त्वचा विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह के अनुसार, समय पर सावधानी न बरतने से सनबर्न, हीटस्ट्रोक, और यहां तक कि त्वचा कैंसर तक का खतरा बढ़ जाता है।
जब हम अधिक समय तक धूप में रहते हैं, तो सूरज की अल्ट्रावायलेट (UV) किरणें हमारी त्वचा की ऊपरी और भीतरी परतों को नुकसान पहुंचाती हैं। UV किरणें त्वचा की कोशिकाओं में बदलाव लाती हैं, जिससे त्वचा में समय से पहले बुढ़ापा, झुर्रियाँ और कई बार कैंसर जैसे रोग हो सकते हैं। साथ ही, शरीर में पानी की कमी यानी निर्जलीकरण भी आम है।
UVB किरणें त्वचा को जला देती हैं जिससे लालिमा, जलन और दर्द होता है। यह सनबर्न का पहला संकेत होता है। बिना सुरक्षा के धूप में ज्यादा देर तक रहना त्वचा की कोशिकाओं को स्थायी नुकसान पहुँचा सकता है।
UVA और UVB दोनों ही प्रकार की किरणें लंबे समय तक संपर्क में रहने पर त्वचा कैंसर का कारण बन सकती हैं। भारत में अब यह समस्या धीरे-धीरे बढ़ रही है, और इससे बचाव के लिए समय पर त्वचा देखभाल त्वचा विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।
UV किरणें त्वचा की लोच (elasticity) को कम कर देती हैं, जिससे त्वचा ढीली और बेजान लगने लगती है। इसके साथ ही, स्किन टोन असमान हो सकती है और चेहरे पर दाग-धब्बे बनने लगते हैं।
धूप की तेज रोशनी केवल त्वचा ही नहीं बल्कि आंखों के लिए भी नुकसानदायक है। अधिक समय तक तेज धूप में रहने से आंखों में जलन, धुंधला दिखना और मोतियाबिंद जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
धूप में अधिक देर तक रहने से शरीर का तापमान असामान्य रूप से बढ़ सकता है जिससे हीटस्ट्रोक होता है। इसमें चक्कर आना, सिरदर्द, उल्टी और बेहोशी जैसे लक्षण हो सकते हैं। यह जानलेवा भी हो सकता है।
सूरज की हानिकारक किरणों से बचना कठिन नहीं है, बस कुछ सरल उपायों को अपनाकर आप अपनी त्वचा और शरीर को सुरक्षित रख सकते हैं।
जब भी आप घर से बाहर निकलें, खासकर 10 बजे से 4 बजे के बीच, तो कम से कम SPF 30 वाला ब्रॉड स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन अवश्य लगाएं। इसे हर 2-3 घंटे में दोबारा लगाना न भूलें। यदि आपकी त्वचा संवेदनशील है तो त्वचा विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लेकर उपयुक्त सनस्क्रीन चुनें।
हाथ, चेहरा, गर्दन आदि खुले अंगों को सूती कपड़ों, हैट और धूप के चश्मों से ढक कर रखें। हल्के रंग के और ढीले कपड़े पहनना सूरज की किरणों को त्वचा तक पहुंचने से रोकता है।
दोपहर 11 बजे से लेकर 3 बजे तक का समय सबसे ज्यादा गर्म होता है। यदि संभव हो तो इस दौरान घर के अंदर रहें या बाहरी गतिविधियों को सीमित रखें।
यदि आप बाहर हैं, तो छायादार स्थान जैसे पेड़, शेड या छतरी के नीचे रहने की कोशिश करें। इससे सीधे सूरज की किरणों से बचाव होता है।
सूरज की किरणें जीवनदायिनी होती हैं, लेकिन अत्यधिक संपर्क हमारी त्वचा और शरीर के लिए हानिकारक बन सकता है। सर्वश्रेष्ठ त्वचा विशेषज्ञों की सलाह मानकर, और कुछ जरूरी सावधानियाँ अपनाकर हम अपनी त्वचा को लंबे समय तक स्वस्थ और चमकदार बनाए रख सकते हैं।
यदि आपको पहले से ही त्वचा संबंधी कोई परेशानी हो रही है या आप अपनी त्वचा की विशेष देखभाल करना चाहते हैं, तो SN Hospitals में उपलब्ध त्वचा विशेषज्ञ डॉक्टर आपकी सहायता के लिए तत्पर हैं।
हमारी विभिन्न विशेष सेवाओं को देखें और समय रहते सही कदम उठाएँ। अपनी त्वचा की सुरक्षा के लिए आज ही हमारे विशेषज्ञ डॉक्टरों से मिलें, या त्वचा जांच के लिए अपॉइंटमेंट बुक करें। किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए संपर्क करें । आपकी सेहत, हमारी प्राथमिकता है।
हाँ, रोज़ाना सनस्क्रीन लगाना ज़रूरी है, चाहे मौसम कोई भी हो। सूर्य की UV किरणें बादलों के बीच से भी त्वचा तक पहुँच सकती हैं, जिससे त्वचा को नुकसान हो सकता है। इसलिए, SPF 30 या उससे ऊपर वाला सनस्क्रीन हर दिन लगाना चाहिए।
अगर आपकी त्वचा पर लगातार जलन, दाग-धब्बे, असामान्य रैशेज़, सनबर्न या झुर्रियाँ दिखाई दे रही हैं, तो तुरंत किसी अनुभवी त्वचा विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करें। SN Hospitals के अनुभवी त्वचा देखभाल त्वचा विशेषज्ञ आपकी त्वचा की उचित जांच कर व्यक्तिगत सलाह देते हैं।
जी हाँ, UVA किरणें खिड़कियों के कांच से भी होकर आपकी त्वचा तक पहुँच सकती हैं। इसलिए घर के अंदर भी सनस्क्रीन लगाना फायदेमंद होता है, खासकर जब आप प्राकृतिक रोशनी में रहते हैं।
बिलकुल। बच्चों की त्वचा बहुत नाज़ुक होती है और उन्हें सूर्य की किरणों से जल्दी नुकसान हो सकता है। 6 महीने से बड़े बच्चों के लिए विशेष रूप से बनाए गए बच्चों के सनस्क्रीन का उपयोग करें।
निर्जलीकरण से बचने के लिए दिन भर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें। तेज धूप में काम करने वाले लोग नींबू पानी, नारियल पानी जैसे प्राकृतिक पेय पी सकते हैं। धूप में निकलने से पहले हल्का और सूती कपड़ा पहनना भी मददगार होता है।