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युवा हृदय की सुरक्षा: आज की आदतें, कल का स्वास्थ्य

क्या आप जानते हैं कि भारत में हर 4 में से 1 व्यक्ति की मौत हृदय रोगों के कारण होती है? यह आँकड़ा डरावना जरूर है, लेकिन अच्छी खबर यह है कि 80% हृदय रोगों को रोका जा सकता है। बस जरूरत है सही जानकारी और समय पर कदम उठाने की।

आपने अक्सर सुना होगा कि फलाँ व्यक्ति को तो सिर्फ 35 साल की उम्र में हार्ट अटैक आ गया। यह कोई अलग-थलग घटना नहीं रह गई है। हमारी बदलती जीवनशैली – तनाव भरी दिनचर्या, अनियमित खान-पान, धूम्रपान और शराब का सेवन, नींद की कमी – ये सभी कारण मिलकर हमारे दिल पर बोझ डाल रहे हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि हृदय रोग अब केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं रहे। 30-40 साल की उम्र के युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं।

हृदय रोगों के शुरुआती संकेतों को पहचानें

हमारा शरीर हमें पहले ही संकेत देने लगता है जब कुछ गड़बड़ होती है। समस्या यह है कि हम इन संकेतों को नजरअंदाज कर देते हैं। अगर आपको यह लक्षण दिखें तो सतर्क हो जाएँ:

  • सीने में बार-बार हल्का दर्द या भारीपन महसूस होना
  • सीढ़ियाँ चढ़ने पर साँस फूलना
  • बिना वजह थकान और कमजोरी महसूस होना
  • हृदय की धड़कन का अनियमित होना

याद रखें, ये छोटे-छोटे संकेत बड़ी मुसीबत की घंटी हो सकते हैं। इन्हें नजरअंदाज न करें।

आपका रसोईघर है आपकी पहली दवाई

हृदय को स्वस्थ रखने के लिए महंगी दवाइयों की नहीं, बल्कि सही खान-पान की जरूरत होती है। अपने दैनिक आहार में इन चीजों को शामिल करें:

  • हरी पत्तेदार सब्जियाँ – पालक, मेथी, सरसों का साग
  • ताजे फल – सेब, अनार, संतरे, अमरूद
  • साबुत अनाज – दलिया, ब्राउन राइस, ज्वार-बाजरा
  • मेवे – अखरोट, बादाम, अलसी के बीज

इनके साथ ही नमक और चीनी का सेवन कम करें। तली-भुनी चीजों से परहेज करें। घर का बना ताजा भोजन ही खाएँ।

जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव, बड़े-बड़े फायदे

आपको जिम जाकर घंटों पसीना बहाने की जरूरत नहीं है। छोटे-छोटे बदलाव भी आपके हृदय स्वास्थ्य में बड़ा सुधार ला सकते हैं:

  • रोज सुबह 30 मिनट टहलें
  • लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल करें
  • योग और प्राणायाम को दिनचर्या में शामिल करें
  • पर्याप्त नींद लें (कम से कम 7-8 घंटे)
  • धूम्रपान और शराब से दूर रहें

नियमित जाँच है जरूरी

हम अपनी कार का सर्विस तो समय-समय पर करवाते हैं, लेकिन अपने शरीर की जाँच कराना भूल जाते हैं। 30 साल की उम्र के बाद हर व्यक्ति को साल में एक बार ये जाँच जरूर करानी चाहिए:

  • रक्तचाप (ब्लड प्रेशर)
  • रक्त शर्करा (ब्लड शुगर)
  • कोलेस्ट्रॉल स्तर
  • ईसीजी (ECG)

अगर आपके परिवार में पहले से कोई हृदय रोगी है, तो आपको और भी सतर्क रहने की जरूरत है।

एस एन सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल – आपके हृदय स्वास्थ्य की विश्वसनीय साथी

एस एन सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का हृदय रोग विभाग श्रीगंगानगर क्षेत्र में हृदय स्वास्थ्य सेवाओं का अग्रणी केंद्र है। हमारे पास है:

  • अत्याधुनिक कार्डियक कैथ लैब
  • अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञों की टीम
  • 24×7 इमरजेंसी कार्डियक केयर
  • संपूर्ण हृदय जाँच पैकेज
  • हृदय रोगियों के लिए विशेष आहार परामर्श
  • नियमित स्वास्थ्य शिविर और जागरूकता कार्यक्रम

हमारे विशेषज्ञ न केवल उन्नत उपचार प्रदान करते हैं, बल्कि हृदय रोगों की रोकथाम पर भी समान बल देते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हर व्यक्ति को बेहतर हृदय स्वास्थ्य की ओर ले जाया जाए।

आपके हृदय स्वास्थ्य के लिए हमारी सेवाएँ:

  • संपूर्ण हृदय जाँच और निदान
  • एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग
  • हृदय शल्य चिकित्सा
  • हृदय रोगियों के लिए पुनर्वास कार्यक्रम
  • निवारक कार्डियोलॉजी परामर्श

अपने हृदय स्वास्थ्य को गंभीरता से लें। छोटे-छोटे लक्षणों को नजरअंदाज न करें। समय पर जाँच और उपचार जीवन बचा सकता है।

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