हैलो दोस्तों,
कुछ साल पहले तक, हार्ट अटैक या दिल की बीमारी शब्द सुनते ही हमारे दिमाग में 50-60 साल से ऊपर के किसी बुजुर्ग व्यक्ति की छवि आती थी। लेकिन आज का सच्चाई यह है कि यह छवि पूरी तरह से बदल चुकी है। आए दिन अखबारों की सुर्खियाँ और सोशल मीडिया की फीड्स ऐसी खबरों से भरी रहती हैं, जहाँ 25, 30 या 35 साल के युवा, जो पूरी तरह स्वस्थ और फिट दिखाई देते थे, अचानक cardiac arrest के शिकार हो जाते हैं।
यह एक डरावनी और चिंताजनक स्थिति है। एक उम्र जहाँ जीवन अपनी पूरी रफ्तार पर होता है, करियर की नई ऊँचाइयाँ छू रहा होता है, परिवार की जिम्मेदारियाँ बढ़ रही होती हैं, वहीं एक अचानक आया हार्ट अटैक सब कुछ तहस नहस कर देता है। सवाल यह उठता है – आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? क्या वाकई यह सिर्फ “भाग्य का खेल” है या फिर हमारी जीवनशैली की कोई गंभीर भूल?
डॉक्टर और विशेषज्ञ मानते हैं कि यह कोई दुर्घटना नहीं, बल्कि हमारे द्वारा अनदेखी किए गए कारणों का एक दुखद परिणाम है। आइए, आज इस गंभीर मुद्दे पर विस्तार से चर्चा करते हैं और जानते हैं कि हम अपने और अपनों के दिल की सुरक्षा कैसे कर सकते हैं।
पहले जानें कारण: क्यों युवा हो रहे हैं शिकार?
युवाओं में हृदय रोग का कोई एक कारण नहीं है, बल्कि यह कई कारकों का एक घातक मिश्रण है।
- तनाव: दिल का सबसे बड़ा दुश्मन
आज का युवा पढ़ाई, नौकरी, करियर, competition और financial pressure के भारी तनाव में जी रहा है। लगातार तनाव शरीर में cortisol नामक हार्मोन का स्तर बढ़ा देता है, जो ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर को प्रभावित करता है। यह सीधे तौर पर दिल पर दबाव डालता है और धमनियों को नुकसान पहुँचाता है। - गलत खान-पान: जंक फूड का जहर
फास्ट फूड, डीप-फ्राइड चीजें, प्रोसेस्ड फूड, कोल्ड ड्रिंक्स और अत्यधिक मीठा हमारे daily diet का हिस्सा बन गए हैं। इनमें saturated fat, trans fat, sodium और शुगर की मात्रा अत्यधिक होती है, जो शरीर में bad cholesterol (LDL) को बढ़ाकर धमनियों में प्लाक (कचरा) जमा कर देती हैं। इससे खून का बहाव रुकता है और heart attack का खतरा बढ़ जाता है। - शारीरिक निष्क्रियता: Sitting is the new smoking
डेस्क जॉब, लंबे समय तक कंप्यूटर के सामने बैठे रहना, एक्सरसाइज के लिए समय न निकाल पाना – यह सब हमारे दिल के लिए घातक साबित हो रहा है। शारीरिक गतिविधि की कमी से मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और diabetes जैसी बीमारियाँ होती हैं, जो दिल की बीमारी के प्रमुख risk factors हैं। - धूम्रपान और शराब का सेवन
सिगरेट में मौजूद निकोटिन धमनियों को सिकोड़ देता है और खून के थक्के जमने की आशंका बढ़ा देता है। इसी तरह, अत्यधिक शराब का सेवन ब्लड प्रेशर बढ़ाता है और दिल की मांसपेशियों को नुकसान पहुँचा सकता है। - नींद की कमी
रातों की नींद को काम या मनोरंजन (मोबाइल, Netflix) के चक्कर में त्याग देना एक बहुत बड़ी भूल है। नींद हमारे शरीर की मरम्मत का समय होती है। कम नींद लेने से तनाव बढ़ता है, inflammation होता है और दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। - अनदेखी की गई स्वास्थ्य समस्याएँ
युवा अक्सर अपनी सेहत के प्रति लापरवाही बरतते हैं। हाई BP, हाई कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज या थायरॉयड जैसी समस्याओं को ignore कर देते हैं, जो लंबे समय में दिल को गंभीर नुकसान पहुँचाती हैं। - कोविड-19 का प्रभाव
शोधों से पता चला है कि कोविड-१९ संक्रमण, खासकर गंभीर मामलों में, दिल और blood vessels पर दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकता है। इससे heart inflammation (myocarditis) और blood clotting का खतरा बढ़ सकता है।
पहचानें लक्षण: सिर्फ सीने में दर्द ही नहीं होता इकलौता संकेत
हार्ट अटैक के लक्षण हमेशा नाटकीय और स्पष्ट नहीं होते। युवाओं में ये लक्षण सूक्ष्म हो सकते हैं और अक्सर उन्हें acidity या थकान समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है।
- सीने में दबाव, जकड़न, भारीपन या जलन (यह जरूरी नहीं कि तेज दर्द हो)।
- दर्द का बाएँ कंधे, बाजू, गर्दन, जबड़े या पीठ की तरफ जाना।
- सांस फूलना या बिना मेहनत के ही थकान महसूस होना।
- अचानक ठंडा पसीना आना या चक्कर आना।
- जी मिचलाना या उल्टी होना।
- बेचैनी महसूस होना, ऐसा लगना जैसे कुछ बुरा होने वाला है।
याद रखें: अगर आपको या आस-पास किसी को ऐसे कोई भी लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय बर्बाद न करें। हर मिनट कीमती है। ऐसी किसी भी आपात स्थिति के लिए, श्रीगंगानगर के बेहतरीन कार्डियोलॉजिस्ट से परामर्श लें। बचाव ही है उपाय: अपनाएँ Healthy Lifestyle
अच्छी बात यह है कि इनमें से ज्यादातर risk factors को हम अपनी जीवनशैली में बदलाव लाकर control कर सकते हैं।
- संतुलित आहार लें: ताजे फल, हरी सब्जियाँ, साबुत अनाज, दालें, नट्स और lean protein को अपनी diet में शामिल करें। नमक, चीनी और तेल का सेवन कम करें। घर का बना खाना ही सबसे अच्छा है।
- नियमित व्यायाम करें: रोजाना कम से कम ३०-४५ मिनट की शारीरिक गतिविधि जरूर करें। तेज चलना, दौड़ना, साइकिल चलाना, तैराकी या कोई भी खेल – जो भी पसंद हो, करें। Goal है कि दिल की धड़कन थोड़ी तेज हो।
- तनाव प्रबंधन सीखें: योग, meditation, deep breathing exercises तनाव कम करने के शानदार तरीके हैं। अपने लिए समय निकालें, hobby develop करें और पर्याप्त नींद लें (7-8 घंटे)।
- नशे से दूरी बनाएँ: धूम्रपान और शराब का सेवन बिल्कुल छोड़ दें या फिर extreme moderation में रखें।
- नियमित हेल्थ चेक-अप करवाएँ: साल में कम से कम एक बार अपना पूरा body check-up जरूर करवाएँ। इसमें blood sugar, cholesterol levels, blood pressure और ECG जरूर शामिल करें। अगर पारिवारिक इतिहास (family history) में heart disease है, तो और भी सजग रहें।
निष्कर्ष
युवाओं में हो रहे अचानक हार्ट अटैक एक wake-up call हैं। यह हमें याद दिलाते हैं कि success और ambition के पीछे भागते हुए हमने अपनी सेहत को पीछे छोड़ दिया है। दिल की धड़कन हमारे जीवन का आधार है। इसे हल्के में लेना जानलेवा साबित हो सकता है।
सबसे महत्वपूर्ण बात: अपने शरीर की सुनें। वो जो संकेत दे रहा है, उसे नजरअंदाज न करें। थोड़ी सी सावधानी, जीवनशैली में छोटे-छोटे सकारात्मक बदलाव और नियमित जांच आपको एक लंबा और स्वस्थ जीवन जीने में मदद कर सकते हैं।
अपने दिल की सेहत को गंभीरता से लें। यदि आपको कोई भी चिंता है, तो श्रीगंगानगर के प्रमुख हृदय रोग विशेषज्ञों से SN सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में परामर्श लें। समय पर सही सलाह जिंदगी बचा सकती है।
आपकी सेहत आपकी सबसे बड़ी पूँजी है। उसकी रक्षा करें।
स्वस्थ रहें, सुरक्षित रहें।


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