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कार्डियोलॉजिस्ट और कार्डियोथोरेसिक सर्जन: क्या है मुख्य अंतर और किससे लें इलाज?

हृदय रोगों का इलाज करने वाले डॉक्टर मुख्य रूप से दो श्रेणियों में आते हैं: कार्डियोलॉजिस्ट (हृदय रोग विशेषज्ञ) और कार्डियोथोरेसिक सर्जन (हार्ट रोग विशेषज्ञ)। दोनों का फोकस दिल और छाती से जुड़ी समस्याओं पर होता है, लेकिन उनकी विशेषज्ञता और कार्यक्षेत्र अलग-अलग होते हैं। सही डॉक्टर से इलाज कराने के लिए यह समझना जरूरी है कि इन दोनों के बीच क्या अंतर है और इनकी भूमिकाएं क्या हैं।

कार्डियोलॉजिस्ट (हृदय रोग विशेषज्ञ): गैर-सर्जिकल उपचार के विशेषज्ञ कार्डियोलॉजिस्ट कौन होते हैं?

कार्डियोलॉजिस्ट, जिन्हें हृदय रोग विशेषज्ञ भी कहा जाता है, वे डॉक्टर हैं जो दिल और रक्तवाहिकाओं की समस्याओं का निदान और इलाज करते हैं। उनका फोकस दिल के रोगों को रोकने और उनकी देखभाल पर होता है।

कार्डियोलॉजिस्ट की प्रमुख भूमिकाएं
  • दिल के रोगों का निदान:
      • कोरोनरी आर्टरी डिजीज
      • हृदयाघात (हार्ट अटैक)
      • हार्ट फेलियर और अतालता (दिल की अनियमित धड़कनें)

         

  • डायग्नोस्टिक प्रक्रियाएं:
    • ईसीजी (ECG): दिल की धड़कनों का विश्लेषण।
    • इकोकार्डियोग्राफी: अल्ट्रासाउंड की मदद से दिल की संरचना और कार्यक्षमता को देखना।
    • स्ट्रेस टेस्ट: हृदय की सहनशीलता को जांचने के लिए।

       

  1. गैर-सर्जिकल उपचार:
    • कार्डियोलॉजिस्ट दवाओं और जीवनशैली में बदलाव के जरिए मरीजों का इलाज करते हैं।
  2. रोकथाम पर ध्यान:
    • हार्ट अटैक से बचने के उपाय, जिसमें नियमित व्यायाम, स्वस्थ आहार और तनाव प्रबंधन शामिल है।

कब संपर्क करें?

  • सीने में दर्द या दबाव महसूस हो
  • सांस लेने में कठिनाई हो
  • दिल की धड़कन तेज या अनियमित हो
  • परिवार में हृदय रोग का इतिहास हो

कार्डियोथोरेसिक सर्जन (हार्ट रोग विशेषज्ञ): सर्जिकल समाधान के विशेषज्ञ कार्डियोथोरेसिक सर्जन कौन होते हैं?

कार्डियोथोरेसिक सर्जन सर्जरी के माध्यम से दिल, फेफड़ों और छाती की बीमारियों का इलाज करते हैं। ये गंभीर हृदय रोगों या संरचनात्मक समस्याओं को ठीक करने में विशेषज्ञ होते हैं।

कार्डियोथोरेसिक सर्जन की प्रमुख भूमिकाएं
  • सर्जिकल प्रक्रियाएं:
      • ओपन हार्ट सर्जरी: दिल के वाल्व की मरम्मत या बदलने के लिए।
      • कोरोनरी आर्टरी बायपास सर्जरी (CABG): बंद रक्तवाहिकाओं को खोलने के लिए।
      • हार्ट ट्रांसप्लांट: दिल के खराब हो जाने पर।

         

  • छाती से जुड़ी समस्याएं:
      • फेफड़ों और अन्य छाती से जुड़ी बीमारियों का इलाज।
  • जन्मजात हृदय दोष:
    • जन्म से ही दिल में मौजूद विकृतियों की सर्जरी।
कब संपर्क करें?
  • गंभीर दिल का दौरा पड़ने के बाद बायपास की जरूरत हो
  • हार्ट वाल्व खराब हो गया हो
  • दिल के ऑपरेशन की जरूरत हो

कार्डियोलॉजिस्ट और कार्डियोथोरेसिक सर्जन में अंतर

विशेषता

कार्डियोलॉजिस्ट (हृदय रोग विशेषज्ञ)

कार्डियोथोरेसिक सर्जन (हार्ट रोग विशेषज्ञ)

मुख्य कार्य

दिल की बीमारियों का निदान और इलाज

दिल और छाती की सर्जरी करना

उपचार का तरीका

दवाओं और गैर-सर्जिकल प्रक्रियाओं से इलाज

ऑपरेशन और जटिल सर्जिकल प्रक्रियाएं

संकेत

सीने में हल्का दर्द, सांस लेने में दिक्कत

दिल के वाल्व खराब होने या बायपास की जरूरत

दिल की बीमारियों से बचने के उपाय

दिल की बीमारियों को रोकने के लिए इन सरल उपायों को अपनाएं:

  1. स्वस्थ आहार लें:
    • फल, सब्जियां और कम वसा वाले प्रोटीन का सेवन करें।

  2. नियमित व्यायाम करें:
    • योग, दौड़ना या चलना हृदय के लिए फायदेमंद है।

  3. तनाव प्रबंधन:
    • मेडिटेशन और गहरी सांसों का अभ्यास करें।

  4. धूम्रपान और शराब से बचें:
    • यह हृदय रोगों के मुख्य कारण हो सकते हैं।

  5. नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं:
    • दिल की सेहत को बनाए रखने के लिए।

सही विशेषज्ञ का चुनाव कैसे करें?

यदि समस्या हल्की है और दवाओं से ठीक हो सकती है, तो कार्डियोलॉजिस्ट सही विशेषज्ञ हैं।
गंभीर समस्या, जैसे हार्ट वाल्व की खराबी या जन्मजात दोष, के लिए कार्डियोथोरेसिक सर्जन से संपर्क करें।

निष्कर्ष

दिल की समस्याएं न केवल आपकी शारीरिक बल्कि मानसिक सेहत को भी प्रभावित कर सकती हैं। इसीलिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप सही विशेषज्ञ का चुनाव करें। अगर आपकी समस्या सामान्य है, जैसे रक्तचाप, अनियमित दिल की धड़कन, या शुरुआती दिल की बीमारियां, तो हृदय रोग विशेषज्ञ यानी कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क करना उचित है। वहीं, अगर समस्या गंभीर है और सर्जरी की जरूरत है, जैसे कि हार्ट वाल्व की खराबी, बायपास सर्जरी, या जन्मजात हृदय दोष, तो कार्डियोथोरेसिक सर्जन आपकी मदद करेंगे।

यह भी ध्यान रखें कि हृदय रोगों से बचाव के लिए एक स्वस्थ जीवनशैली बेहद जरूरी है। नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, तनाव प्रबंधन, और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच करवाने से आप दिल की बीमारियों से दूर रह सकते हैं। अगर किसी भी प्रकार की समस्या हो, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें। SN हॉस्पिटल्स में अनुभवी डॉक्टर और उन्नत सुविधाएं हर प्रकार की हृदय समस्या के लिए उपलब्ध हैं।